Dairy Farming License : आजकल पशुपालन किसानों की आय का मुख्य साधन बन चुका है। गाय भैंस पालकर किसान तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं कई किसानों को पशुओं की देखभाल करने की पूरी जानकारी नहीं होने की वजह से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर गाय दूध देना बंद कर देती है तो लोग इन्हें सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं। इसी कड़ी में पशुपालकों के लिए नई सूचना आई है। अब गाय भैंस पालने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी हो गया है। जिनके पास लाइसेंस नहीं होगा उन पर मोटा जुर्माना लगाया जाएगा।
कब होगा शुरू
जानकारी अनुसार बता दें कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट की पांचवी बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। उत्तर प्रदेश में के गोरखपुर शहर में अब गाय-भैंस पालने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी हो गया है। जल्द ही नगर निगम द्वारा तैयारियां पूरी होने के बाद इस नियम को लागू किया जाएगा। लाइसेंस लेने के लिए प्रत्येक पशु का सालाना शुल्क देना होगा।
कितना लगेगा शुल्क
नए नियमों के अनुसार जो व्यक्ति दो या इससे अधिक पशुओं का पालन करता है। उसे लाइसेंस लेना जरूरी होगा। लाइसेंस को 1 साल के लिए जारी किया जाएगा जो अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक होगा। लाइसेंस लेने के लिए नगर निगम द्वारा एक राष्ट्रीय निर्धारित की गई है। गाय के लिए ₹500 और भैंस के लिए ₹1000 लाइसेंस शुल्क के रूप में जमा करवाने होंगे।
हर साल रिन्यू होगा लाइसेंस
पशुपालकों को 1 साल के लिए लाइसेंस जारी किया जाएगा। इसके बाद उन्हें हर साल रिन्यू करवाना पड़ेगा। अगर कोई पशुपालक अवैध रूप से डेयरी संचालित कर रहा है, तो उसे ₹50000 का जुर्माना लगाया जाएगा। पशुपालक को लाइसेंस लेने के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ेगा। पशुओं को रखने वाली जगह साफ सुथरा होनी चाहिए और वहां पर चारे और पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। लाइसेंस इश्यू करने से पहले जगह का निरीक्षण करने के किया जायेगा।
लाइसेंस के रूप में मिलेगा टोकन
नगर निगम द्वारा पशुपालक कॉल लाइसेंस प्रदान किए जाने के बाद एक टोकन दिया जाएगा। इस टोकन को पशु की गर्दन में बांधना होगा। इस टोकन के माध्यम से गाय भैंस के मालिक की पहचान की जा सकेगी और पशु सार्वजनिक जगह गली, सड़क या पार्क के आसपास दिखाई नहीं देगा। पशुओं को गलियों में खुला छोड़ने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए नगर निगम से संपर्क करना पड़ेगा।