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Rice New Variety : धान की इन 9 किस्मों से बदल जाएगी तस्वीर, प्रति हेक्टेयर मिलेगा 55 क्विंटल का उत्पादन

Rice New Variety

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Rice New Variety : भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) किसानों के लिए खुशखबरी लेकर आया है। हाल ही में संस्थान ने धान की 9 नई किस्म से अवगत करवाया है। इन किस्म को विभिन्न तरह की जलवायु में उगाया जा सकता है और अच्छी पैदावार भी ली जा सकते हैं। इन किस्मों का उत्पादन देश के विभिन्न राज्यों के मौसम के अनुकूल है। चलिए जानते हैं धान की इन 9 किस्मों की खास बातें।
1. धान की CR 101 (IET30827)
हरियाणा के करनाल में स्थित केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान द्वारा सीआर 101 धान की किस्म को प्रायोजित किया गया है। धान के इस किस्म से किसानों को करीबन 47 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार मिल सकती है। धान की स्कीम को तैयार होने में 125 से 130 दिन का समय लगता है। इस किस्म का उत्पादन सभी प्रकार की भूमि में लिया जा सकता है। क्षारीय भूमि और सामान्य भूमि में इसका उत्पादन 35 क्विंटल से लेकर 55 क्विंटल तक लिया जा सकता है। इस किस्म को हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
2. CR 416 (IET 30201)
धान की इस किस्म को तैयार होने में 125 से 130 दिन का समय लगता है। धान की यह किस्म कई रोगों से लड़ने में सक्षम है। इसकी समय हॉपर, टिड्डी और तना छेदक रोग कि समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। इस किस्म का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 48 क्विंटल तक लिया जा सकता है। धान की इस किस्म को महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात के तटीय लवनीय क्षेत्र के लिए सही माना जा रहा है।
3. स्वर्ण पूर्वी धान 5 IET 29036
धान की स्कीम को तैयार होने में 110 से 115 दिन का समय लगता है। धान में आने वाले गार्डन ब्लास्ट और तना सड़न रोगों से लड़ने में सक्षम है। धान की इस किस्म को सीधी बुवाई और कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना गया है। धान की ये किस्म बारिश पर आधारित और कम पानी वाले इलाकों के लिए सही मानी जाती है। कम पाने वाले क्षेत्रों में 43 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और मध्यम सूखे वाले क्षेत्रों में 29 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन लिया जा सकता है।
4. CR धान 810 ( IET 30409)
धान के इस किस्म को तैयार होने में 150 दिन का समय लगता है। धान की इस किस्म में प्रारंभिक दिनों के दौरान आने वाली समस्यों से निजात मिलती है। धान की इस किस्म में भूरा धब्बा, पत्ती मोड़क और तना छेदक जैसे रोगों की समस्या नहीं आती। धान की किस्म को उड़ीसा, पश्चिम बंगाल और असम के लिए परफेक्ट माना गया है।
5. CR धान 108 (IET 29052)
धान की इस किस्म को वर्षा आधारित क्षेत्र के लिए उपयुक्त माना गया है। इस तैयार होने में 110 से 114 दिन का समय लगता है। वही इस किस्म में भूरा धब्बा रोग, पत्ती मोड़क, तना छेदक आदि की समस्या नहीं आती है। धान की इस किस्म से 34.46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन लिया जा सकता है।
6. DRR 73 (IET 30242)
भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान द्वारा बनाई गई इस किस्म को तैयार होने में 120 से 125 दिन का समय लगता है। इस किस्म का उत्पादन खरीफ और रबी दोनों सीजन में लिया जा सकता है। इस किस्म का उत्पादन परिस्थितियों के अनुसार 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक लिया जा सकता है। इस किस्म को उड़ीसा, कर्नाटक और तेलंगाना के लिए उपयुक्त माना गया है।
7. DRR 74 (IET 30252)
धान की इस किस्म का उत्पादन खरीफ और रबी दोनो सीजन में लिया जा सकता है। इस किस्म को तैयार होने में 130 से 135 दिन का समय लगता है। सामान्य परिस्थितियों में इस किस्म का उत्पादन 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक लिया जा सकता है। धान की इस किस्म को महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड के लिए उपयुक्त माना गया है।
8. DRR धान 78 ( IET 30240)
धान की इस किस्म का सामान्य परिस्थितियों में 58 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देने में सक्षम है। इसे तैयार होने में 120 से 125 दिन का समय लगता है। इस किस्म को कर्नाटक और तेलंगाना के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। धान की इस किस्म में कई रोगों के लिए मध्यम प्रतिरोधी मानी जा रही है।
9. KKL 4 (IET 30697)
पंडित जवाहरलाल नेहरू कृषि महाविद्यालय द्वारा तैयार की गई इस किस्म को जलमग्न जैसी परिस्थितियों के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। इसे तैयार होने में 120 से 125 दिन का समय लगता है और तनावपूर्ण स्थितियों में भी 38 क्विंटल तक उत्पादन देने में सक्षम है। धान की इस किस्म को तमिलनाडु आंध्र प्रदेश तेलंगाना और पुडुचेरी के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
Chopal TV
Author: Chopal TV

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