Cattle Farmers Story : गर्भवती पशु का दूध पीने के फायदे और नुकसान, एक्सपर्ट ने दी पूरी जानकारी

Cattle Farmers Story : गर्भवती पशु का दूध पीने के फायदे और नुकसान, एक्सपर्ट ने दी पूरी जानकारी

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Cattle Farmers Story : बीते सालों में भारत के ग्रामीण इलाकों में पशुपालन काफी बढ़ गया है। क्योंकि पशुपालन सबसे अधिक दूध उत्पादन के लिए किया जाता है और दूध की मांग देश भर में दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जिससे पशुपालकों का मुनाफा भी बढ़ता जा रहा है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब गाय या भैंस गर्भवती हो जाती है तो दूध का प्रयोग करने में थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गर्भवती पशु का दूध हमेशा उबालकर पीना चाहिए। जिसका सेहत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता है।

उन्होंने बताया कि पशुओं की गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि पोषक तत्वों की कमी का सबसे अधिक प्रभाव बच्चे पर पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान पशु का दूध विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर होता है। दूध में जरूरी फैटी एसिड और कई पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।

गर्भवती पशु का दूध अमृत के समान

हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गर्भवती पशु का दूध एक एंटीबॉडीज की तरह काम करता है। इस दूध का उपयोग करने से बच्चों और बड़ों में इम्यूनिटी बूस्ट होती है। गर्भावस्था के दौरान पशुओं में होने वाले हार्मोन बदलाव के चलते दूध की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित होता है। ऐसी अवस्था में पशुओं से सीमित मात्रा में दूध निकालना चाहिए।

गर्भा अवस्था के दौरान पशुओं को विशेष प्रकार का पोषक आहार देना चाहिए। पशुओं के शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल सके और दूध के गुणवत्ता को भी बनाए रखा जा सकता है। आप पशु चिकित्सक से भी सलाह ले सकते हैं।

पशुओं के हार्मोन में बदलाव

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि गर्भावस्था के दौरान पशुओं में हार्मोन का बदलाव होता रहता है और इसका 70 बढ़ जाता है। जो कई लोगों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाएं और बच्चों पर देखने को मिलता है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान पशु का शरीर अपने शारीरिक विकास और बच्चे के लिए पोषण प्रदान करने की तरफ केंद्रित होता है। इसी वजह से पशुओं का अगर ज्यादा दूध निकाला जाता है तो उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।

चारे का रखें विशेष ध्यान

गर्भावस्था के दौरान पशुओं के आहार का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दूध देने वाले पशुओं को दलहनी चारे का मिश्रण खिलाना चाहिए। वहीं अगर आपका पशु पांच लीटर से कम दूध देता है तो उसे हरा चारा खिलाकर बढ़िया उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इससे अधिक दूध देने वाले पशुओं को चारे के साथ-साथ दाना और खली भी खिलाना चाहिए। वही दूध देने वाले पशुओं को प्रतिदिन 100 मिलीलीटर कैल्शियम का भी घोल पिलाना चाहिए। पशुओं को बयांत के दौरान आसानी से पचने वाला आहार खिलाना चाहिए। जो गेहूं का चोकर, गुड़ और हरा चारा होना चाहिए।

Chopal TV
Author: Chopal TV

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