मौसम की गर्माहट से प्रभावित हुआ सरसों का अंकुरण, 95% पूरी हुई बिजाई
महेंद्रगढ़। अक्टूबर महीने में तापमान अधिक होने के कारण सरसों की फसल का अंकुरण प्रभावित होने से किसने की चिंताएं बढ़ चुकी है।
इस बार कृषि विभाग की ओर से महेंद्रगढ़ में 2 पॉइंट 10 लाख एकड़ में सरसों की बिजाई वह 75000 एकड़ में गेहूं की बिजाई का लक्ष्य रखा है। जिसमें से किसानों ने सरसों की बिजाई का 95% कार्य पूरा कर लिया है तथा गेहूं की बिजाई शुरू कर दी है। मुख्यतः सरसों की बिजाई के लिए 15 से 20 अक्टूबर तक का मौसम अनुकूल माना जाता है। पिछले साल इस दौरान तापमान भी सरसों की बिजाई के अनुकूल 25 से 27 डिग्री सेल्सियस रहा था लेकिन इस बार अत्यधिक तापमान होने के कारण किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही है क्योंकि इस बार अक्टूबर माह में तापमान कम होने का नाम ही नहीं ले रहा और आधा नवंबर खत्म होने को है लेकिन तापमान 35 से 37 डिग्री तक चल रहा है। अधिक तापमान होने के कारण फसल पर इसका अधिक बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
अधिक तापमान के कारण फसलों पर मंडरा रहा भारी संकट
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में सरसों की फसल के लिए मौसम अनुकूल नहीं था। गर्मी के कारण फसल की अंकुरण और बढ़वार प्रभावित हुई है। इसके साथ ही तापमान अधिक होने के कारण सुरा और धोलिया कीटों का खतरा भी मंडरा रहा है। यह किट मुख्यतः कच्ची पत्तियां को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे फसल की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है हालांकि अब तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है जिससे किसानों को कुछ समय में राहत की सांस मिलेगी।
मौसम विभाग के द्वारा अभी हाल ही में दो डिग्री की गिरावट आंकी गई है तो यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले सप्ताह में यह तापमान घटकर 27 28 डिग्री के बीच में आ जाएगा।
महेंद्रगढ़ में राजकीय महाविद्यालय नारनौल के मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्र मोहन ने जानकारी दी है कि अगले सप्ताह है तापमान में और अधिक गिरावट देखने को मिलेगी जो सरसों की फसल के लिए बिल्कुल अनुकूल होगी।
गेहूं की बिजाई के लिए उपयुक्त समय
जबकि सरसों की फसल को लेकर चिंता जारी है, गेहूं की बिजाई के लिए अनुकूल समय नजदीक आ रहा है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जयलाल यादव के अनुसार, 10 से 25 नवंबर के बीच गेहूं की बिजाई सबसे अच्छी मानी जाती है। इस दौरान बिजाई करने पर फसल की उपज भी बेहतर होती है। जो किसान पिछेती किस्मों का चुनाव करना चाहते हैं, वे 15 दिसंबर तक बिजाई कर सकते हैं। इसके लिए खेत की तैयारी और बीज का उपचार बेहतर ढंग से करना चाहिए ताकि फसल की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कुल मिलाकर, इस बार सरसों की फसल में चुनौतियां सामने आ रही हैं, लेकिन तापमान में आ रही गिरावट के कारण उम्मीद की किरण भी बनी हुई है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मौसम पूरी तरह से सरसों के अनुकूल हो जाएगा और किसानों को मेहनत का सही फल मिलेगा।