Cotton Farming : कपास में दिख रहा गुलाबी सुंडी का प्रकोप, किसान ऐसे करें बचाव

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Cotton Farming : कपास की फसल को किसानों के लिए मुनाफे का सौदा माना जाता है। परंतु पिछले कई सालों में चल रहे कीटों और कई तरह की बीमारियों के प्रकोप की वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से किसानों का विश्वास कपास की खेती की ओर से उठ रहा है। अगर पंजाब की बात की जाएं तो कपास की खेती के रकबे में भारी गिरावट के साथ अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है। कपास के रकबे में 95000 हेक्टेयर तक गिरावट देखने को मिली है।
वहीं पंजाब के कई जिलों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिला है। इस समय गुलाबी सुंडी की वजह से सबसे अधिक नुकसान होता है। क्योंकि इस समय कपास की फसल पर फूल आ रहे है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि इस समय कपास की फसल में किसी तरह का खतरा नजर नहीं आ रहा। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को इस सप्ताह के अंत तक कपास की फसल में विशेष ध्यान देने की जरूरत है और समय-समय पर कीट प्रबंधन करते रहे। क्योंकि कपास की फसल में फूल आने का समय हो चुका है। वही मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राज्य के कपास बेल्ट में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिल रहा है। Cotton Farming
एक सप्ताह रखें फसल का ध्यान
कृषि वैज्ञानिक विजय कुमार ने बताया कि कपास की फसल में कीट के संकेत मिले हैं। आने वाले समय में इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि फसल को कीट से बचाने के लिए खेत पर लगातार नजर रखने की जरूरत है। क्योंकि फूल आने की अवस्था में गुलाबी सुंडी का प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिलता है। इस समय सही कीटनाशक का उपयोग करके फसल को नुकसान से बताया जा सकता है। Cotton Farming
सफेद मक्खी का खतरा हुआ कम
वहीं कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि प्रदेश में अच्छी बारिश होने के बाद सफेद मक्खी नामक कीट का खतरा काफी हद तक कम हो गया है। वही बठिंडा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर ने बताया कि गुलाबी सुंडी का प्रकोप कम करने के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहिए। बीते सालों की दो फसलों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप देखने को मिला है। जिससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
पैदावार में होगी बढ़ोतरी
पंजाब के कई किसानों ने कपास की खेती छोड़कर धान की खेती को अपनाना शुरू कर दिया है। जिससे कपास की खेती का रकबा काम हुआ है। कपास के पौधों की लंबाई करीबन 3 फीट तक पहुंच गई है। कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि कुछ गांव में गुलाबी संडे का मामला आया है। इसके बाद कृषि विभाग अलर्ट हो गया है और लगातार निगरानी कर रहा है। Cotton Farming
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Author: Chopal TV

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