पंजाब में 120 लाख मैट्रिक टन से ज्यादा हुई धान की खरीद
पंजाब और हरियाणा में धान खरीद का मौजूदा सीजन किसानों के लिए बढ़िया साबित हो रहा है क्योंकि पंजाब हरियाणा मंडी में धान खरीद प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ लिए है जिससे लाखों किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है।
पंजाब में धान खरीद की प्रक्रिया तेज कर दी गई है जिसके चलते पंजाब की अलग-अलग मंदिरों में 8 नवंबर 2024 तक कुल 126.60 लाख मैट्रिक की आवक हो चुकी है।
पंजाब में 1 अक्टूबर 2024 सिद्धांत प्रक्रिया को शुरू कर दिया था जो 30 नवंबर 2024 तक चलेगी। राज्य की 8 मंडियों में नवंबर तक 126.6 लाख मैट्रिक टन की आवक हो चुके थे जिसमें से 120.67 लाख मैट्रिक टंन की खरीद राज्य की एजेंसी और भारतीय खाद निगम द्वारा की जा चुकी है।
इस बार पंजाब सरकार ने धान की सिलाई के लिए भी व्यापक कदम उठाए हैं। इस सीजन में दोनों दो साथ नामित मंदिरों और अस्थाई यादों की मदद से राज्य भर में धान खरीद को सुचारू रूप से चलाया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक इस सीजन में खरीदे गए धान का कुल मूल्य 27955 करोड रुपए है जिसे लगभग 6.58 लाख किसानों को लाभ मिला है।
केंद्र सरकार का लक्ष्य और किसानों को फायदा
केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2024 25 के लिए पंजाब में 150 लाख मेंट्रिक टंन खरीदने का लक्ष्य रखा है इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पंजाब में लगातार मंडियों से धान खरीदा जा रहा है। जिससे खरीदी गई फसल को स्टोर करने में सुलभता बनीरहे। सरकार की इस योजना का उद्देश्य ने केवल किसानों को फसल का उचित मूल्य प्रदान करना है बल्कि उन्हें फसल बेचने के बाद समय पर भुगतान भी सुनिश्चित करना है।
हालांकि सितंबर में हुई बारिश के कारण धान की फसल में नमी बढ़ गई थी जिसके कारण खरीद की प्रक्रिया थोड़ी देरी से शुरू हुई थी। किसी से किसानों को काफी संघर्ष करना पड़ा और इस समस्या से प्रभावित किसान संगठनों ने काफी जगह विरोध और प्रदर्शन भी किया जगह-जगह पर कार्यालय में घेराव किया लेकिन अब स्थिति बिल्कुल सही हो चुकी है और धान खरीद की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है इससे किसानों को सही समय पर भुगतान मिल पा रहा है और उनकी फसलों को खरीदा जा रहा है।
हरियाणा में खरीद की स्थिति
पंजाब की तरह हरियाणा में भी धान खरीद की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस धान खरीद प्रक्रिया को तेजी से चलाया जा रहा है। अभी तक हरियाणा में 49.79लाख मीट्रिक टन धान मंडियों में आया है। जिसमें से 48.57 लाख धान की खरीद हो चुकी है। धान के खरीद के बाद में किसानों को फसल का अच्छा भुगतान किया गया रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को 11,552 करोड रुपए का भुगतान किया जा चुका है। जिसमें धान किसानों का हिस्सा 10, 511 करोड रुपए है।