Jodhpur News : राजस्थान के कई इलाकों में भीषण गर्मी के दौर में गांवों के नदी तालाब सूखे पड़े हैं जबकि बरसों से इन परंपरागत जल स्रोतों पर आश्रित पशु व वन्य जीव यही प्यास बुझाने आते रहे हैं. मगर अब यहां पानी नहीं है. पानी की तलाश में मिलो इधर-उधर भटकना पड़ रहा है पशु पक्षियों की इस परेशानी को देखते हुए भारत विकास परिषद और सीमा जन कल्याण समिति ने मानवीयता दिखाई है जन सहयोग से इन तालाबों में खेलियों में पानी के टैंकर डलवाना शुरू किया गया है.
समिति के जिला अध्यक्ष अखिलेश खत्री और ओमप्रकाश राठी ने जानकारी दी कि लोग मूक प्राणियों, गोवंश और पक्षियों के लिए तेज गर्मी में पानी की व्यवस्था में सहयोग कर रही है. अब मवेशियों को पानी के लिए मीलों दूर इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. 1 मई से चार गांव की नाडीयों और पशुओं की खेलियों में पानी के टैंकर डलवाने से कार्य शुरू किया था.
अब 11 गांव में 17 जगह पानी डलवाया जा रहा है. रोजाना 17 से 20 टैंकर पानी के भरकर पशुओं और वन्यजीवों के पीने की पुरानी जगहों पर डलवाया जा रहा है. इसके लिए टैंकर ऑपरेटर से 350 रुपए प्रति टैंकर का रेट निर्धारित किया गया है और मानसून की बारिश आने तक यह मुहिम सुचारू रूप से चलती रहेगी. Jodhpur
प्रवासी भी कर रहे मदद
पशुओं और वन्यजीवों की प्यास बुझाने के लिए इस मुहिम में अहमदाबाद, बड़ौदा, सूरत, पंजाब, अबोहर, इंदौर और बेंगलुरु में रहने वाले प्रवासी भी खुलकर सहयोग कर रहे हैं. समिति के जिला अध्यक्ष अखेराज खत्री ने बताया कि पहली बार 2022 में यह मुहिम शुरू की गई थी उसे समय 114000 खर्च हुए थे. 2023 मैं अच्छी बारिश के कारण इस मुहिम की जरूरत नहीं पड़ी. इस साल 2024 में भारत विकास परिषद भी सीमाजन कल्याण समिति से जुड़ गया है.
चार गांव से की थी शुरुआत अब 17 जगह पहुंच रहा पानी
मांडली में राणीदान नगर, मेघवालों की ढाणी, बाप में बिहारी लाल नाडा, सुथारों की ढाणी में सुथार नाडा, नाइयों की नाडा, गूंगेत का मगरा के पास वह डालियों की ढाणी, उदट, अखाधना हरिसिंह नगर नाडी, चाखू, पाबूपुरा, कुम्हारों की ढाणी, नोख, घटोर, महादेवपुरा, पोकरदास की ढाणी, सिमराथल भियाणियों की ढाणी में टैंकर भिजवाए जा रहे हैं. Jodhpur